Saturday, December 6, 2014

बिग बॉस सीजन 8 को है मेक -ओवर की सख्त ज़रूरत

बिग बॉस सीजन 8 को है मेक-ओवर की सख्त ज़रूरत

        इंडियन टेलीविजन के सबसे बड़े रियलिटी शो बिग बॉस के आठवें सीजन को शुरू हुए 75 दिनों से ज्यादा हो चुके हैं। मगर, अभी तक बिग बॉस के फैंस को इस सीजन में 'वो बात' नज़र नहीं आ रही, जिसके लिए बिग बॉस सीरियल फेमस है। 'वो बात' मतलब- फुल्टू एंटरटेनमेंट, एन्जॉयमेंट, लाफ्टर, एक्साइटमेंट और अटैचमेंट।
       इस सीजन की शुरुआत 21 सितम्बर को बड़े ही अलग अंदाज़ में एक हवाई जहाज यात्रा की थीम के साथ हुई थी। दर्शकों को उम्मीद थी की इस बार का सीजन पिछले सीजन्स के मुकाबले बेहतर रहेगा। शो के होस्ट सलमान खान ने भी कहा था, "यह सफर होगा मस्त, ट्विस्ट होंगे ज़बरदस्त" मगर, दर्शकों की आशाओं ने पहले ही हफ्ते में दम तोड़ दिया। 'एयर प्लेन क्रैश साईट' की थीम व 'सीक्रेट सोसाइटी' भी दर्शकों को एंटरटेनमेंट नहीं दे पाई और इन दोनों ही थीम्स को हटा दिया गया। दर्शकों को लगा शायद बिग-बॉस के घर में आ जाने के बाद शो कुछ 'पिक' करेगा, मगर ऐसा भी नहीं हो पाया।



       बिग बॉस के द्वारा दिए जाने वाले 'लग्जरी बज़ट टास्क' व बाकि दूसरे 'टास्क' भी दर्शको का मनोरंजन करने में असफल ही रहे। हाँ, कुछ एक-दो टास्क ज़रूर कुछ जिज्ञासा व आशाऐं पैदा कर पाये, मगर ज्यादातर टास्क उबाऊ ही लगे। हालाँकि, बिग बॉस और 'कलर्स चैनल' की टीम ने इस सीजन को मसालेदार बनाने की पूरी कोशिश की, मगर उनकी इस कोशिश को इस बार शो में भाग ले रहे घरवालों ने पूरी तरह धो डाला।
घर में रह रहे ज्यादातर घरवाले बोरिंग, आलसी व फीके ही नज़र आये। साथ ही, कुछ  घरवाले तो बिस्तर, कम्फर्ट, खाना व मेकअप के मोह में ही फंसे नज़र आते रहे। हालांकि, कुछ घरवाले जैसे गौतम, पुनीत, अली, प्रीतम और करिश्मा दर्शकों का कुछ मनोरंजन कर पा रहे हैं, मगर वो इस लेवल का नज़र नहीं आ रहा, जिसके लिए दर्शक रोज़ एक घंटा निकाल सकें, वो भी प्राइम टाइम पर।
      ज्यादातर घरवालों के एंटरटेनमेंट, एन्जॉयमेंट, लाफ्टर, एक्साइटमेंट और अटैचमेंट (दर्शकों के दिल के साथ अटैचमेंट) लेवल पर फ़ेल हो जाने के बाद दर्शकों की सारी उम्मीदें 'वाइल्ड कार्ड एंट्रीज़' पर टिक गई। पिछले कुछ सीजन्स में देखा भी गया है की वाइल्ड कार्ड एंट्रीज़ के बाद बिग बॉस का शो एकदम पिक-अप कर लेता है। मगर, इस केस में भी दर्शकों को निराशा ही ज़्यादा हाथ लगी और आलम यह रहा की 4 में से 2 वाइल्ड कार्ड एंट्रीज़ एक-दो हफ्तों में ही बाहर हो गयी।
       पहले बिग बॉस सीजन 8 की थीम ने दर्शकों को निराश किया, उसके बाद ज्यादातर घरवालों ने निराश किया और रही-सही कसर वाइल्ड कार्ड एंट्रीज़ ने पूरी कर दी।
यहाँ, यह कहना गलत नहीं होगा की बिग बॉस सीज़न 8 के अभी तक चलने में सबसे बड़ा कारण इस शो के होस्ट सलमान खान और उनका 'वीकेंड का वार' ही हैं । यानी, वीकेंड पर सलमान आते हैं, एंटरटेनमेंट लाते हैं और बाकी वीकडेज़ पर दर्शक बोर हो जाते हैं। तो क्या इस बार का बिग बॉस 8 इसी तरह बिना दर्शको को खुश किये ही गुज़र जाएगा।
         चलिये, बिग बॉस के पहले ही सीजन से फैन होने के नाते हम ही बिग बॉस और कलर्स चैनल की टीम को कोई 'रामबाण' आईडिया दे देते हैं। इस सूरत-ए-हाल में तो इस सीजन की डूबती नाव को बचाने के लिए एक ही उपाय नज़र आता है - बिग बॉस सीजन 6 के रनर अप 'इमाम सिद्दीकी'
        बिग बॉस 6 में ना केवल इमाम ने दर्शकों का फुल्टू एंटरटेनमेंट किया था, बल्कि दर्शकों के दिल में भी जगह बनायीं थी। कौन भूल सकता है इमाम का 'टाइम आउट' कहना, 'चलो बोलो लंदन' कहना, रंग-बिरंगे कपडे पहनना, बचे हुए ठन्डे खाने को फेंक कर उसका अनादर करने की जगह खुद उसे री-यूज़ करना, चमच्च से दिवार पर छवि उकेरना, घर में अकेले पड़ने व सब घरवालों के अपने खिलाफ हो जाने के बावज़ूद दर्शकों का पूरा मनोरंजन करना और सबसे बढ़कर घरवालों की 'कुंडली जागृत' करना। सच में, अगर यहाँ यह कहा जाए की इमाम बिग बॉस के आजतक के इतिहास में सबसे ज्यादा फ़ेमस व फुल्टू असली एंटरटेनमेंट करने वाले कंटेस्टेंट हैं, तो इस में कोई दो राय नहीं होगी।


Imam Siddique in Bigg Boss Season 6
         इसलिए, इस सीजन के गिरते एंटरटेनमेंट स्तर को सुधारने के लिए इमाम को बिग बॉस 8 में भी एक बार कुछ दिनों के लिए ज़रूर लाया जाये। यदि, इमाम को बिग बॉस 8 में लाया जाता है तो यह देखना मज़ेदार, एक्साइटिंग व एंटरटेनमेंट से भरपूर होगा की इमाम किस तरह इस सीजन के बोरिंग घरवालों की 'कुंडली जागृत' करके न केवल उनमे बल्कि पूरे शो एक नयी ऊर्ज़ा व जान भरते हैं। पूरा विश्वास है की यदि इमाम को बिग बॉस सीजन 8 में शामिल किया जाता है तो पूरा शो पहले से कहीं ज़्यादा मनोरंजक व एक्साइटिंग बन जाएगा। इन शॉर्ट, पूरे शो का 'मेक-ओवर' हो जाएगा।
        अब बस देर है बिग बॉस व कलर्स चैनल की टीम तक हमारी बात पहुँचने का। उसके बाद तो सिर्फ 'चलो बोलो एंटरटेनमेंट'

- साकेत गर्ग

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Wednesday, February 19, 2014

आमिर खान के बचाव में खुलकर सामने आये धर्मेश दर्शन

यूँ तो सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर चर्चित हस्तियों का मज़ाक बनाना व उनके बारे में मनगंढ़त बातें करना इन दिनों आम होता जा रहा है। मगर कईं बार कुछ शरारती तत्व जानी-मानी हस्तियों के चरित्र पर टिप्पणी करने तक से बाज नहीं आते। ऐसा ही कुछ वाक्या पिछले दिनों अभिनेता आमिर खान (Aamir Khan) के साथ हुआ। बीते वैलेंटाइन डे के मौके पर एक सोशल नेटवर्किंग साईट पर कुछ लोगो ने आमिर खान के बारे में टिप्पणी करते हुए लिखा कि, "आमिर अपनी फिल्मों में परफेकशन के नाम पर (जान-बूझकर) बार-बार रिटेक लेकर अपनी अभिनेत्रियों का शोषण करते हैं।" यहाँ पर खासकर नब्बे के दशक कि ब्लॉकबस्टर फ़िल्म राजा हिन्दुस्तानी में आमिर और करिश्मा कपूर (Karishma Kapoor) पर फिल्माये गये चर्चित 'किसिंग सीन' (Kissing Scene) का हवाला देते हुए यह कहा गया कि इस सीन के लिए आमिर ने जान-बूझकर 21 रिटेक लिये थे।
मगर इससे पहले कि मामला ज्यादा तूल पकड़ता तथा आमिर के चरित्र पर उँगलियाँ उठना शुरू होती, प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक धर्मेश दर्शन (Dharmesh Darshan) खुलकर आमिर के बचाव में सामने आ गये। ग़ौरतलब है की निर्देशक धर्मेश दर्शन ने ही अपनी फ़िल्म राजा हिन्दुस्तानी में यह किसिंग सीन आमिर और करिश्मा पर फिल्माया था।




लेखक की धर्मेश दर्शन से हुई बातचीत में उन्होंने साफ़ कर दिया की इस मनगढंत बात में रत्ती-भर भी सच्चाई नहीं है। इस फ़िल्म का निर्देशक होने के नाते उन्हें इस तरह कि बातें सुनकर दुःख महसूस हुआ तथा उन्होंने सच्चाई को सबके सामने लाने की ठान ली। श्री दर्शन ने यह साफ़ करते हुऐ मुझे बताया कि "रिटेक लेना या नहीं लेना पूरी तरह से एक निर्देशक की परिकल्पना का विषय है। और आमिर ने राजा हिन्दुस्तानी की शूटिंग के दौरान एक बार भी रिटेक कॉल नहीं किया था। निर्देशक ही यह तय करते हैं की एक और टेक कि जरुरत है या नहीं। और इसके पीछे कईं मापदंड व कारण होते हैं जैसे अभिनेता, लाइट की उपलब्ता, कैमरा एंगल, मौसम परिवर्तन इत्यादि।
 जब मैंने ने उनसे पूछा कि "क्या कभी कोई अभिनेता ऐसा कर सकता है?" तो इसका जवाब देते हुऐ उन्होंने कहा "मेरे हिसाब से कोई भी इमान्दार अभिनेता केवल मस्ती या गलत भावना से ऐसा नहीं कर सकता और यह एक निर्देशक पर निर्भर करता है कि वो अपनी फ़िल्म के सेट पर कैसा माहौल बनाये रखे - ईमानदारी से काम करने का या फिर बेवजह खेलकूद का।" 
अंत में मेरे इस सवाल "आपने कम मगर राजा हिन्दुस्तानी, लुटेरा, धड़कन, बेवफ़ा जैसी यादगार फिल्में बनाई हैं, क्या आपके प्रशंसक आपको जल्द ही निर्देशक के रूप में एक बार फ़िर देख पायेंगे?" का जवाब देते हुए श्री धर्मेश दर्शन ने कहा, "मैंने प्रयास करके कम मगर ज़्यादातर बड़ी और अच्छी फिल्में करने कि कोशिश की है। बदलते माहौल में जब तक मुझे इस बात का हौसला ना मिले की मैं अपने स्टैंडर्ड्स को कायम रख सकूंगा, तब तक मैं किसी भी फ़िल्म को अपना नाम न देने कि कोशिश करता रहूँगा। मुझे यकीन है कि मेरे प्रशंसक मुझे अपने अच्छे काम के लिए हमेशा याद रखेंगे।"
आशा है कि खुद निर्देशक धर्मेश दर्शन से सच्चाई जानने के बात प्रशंसक आमिर खान के बारे में ऐसी मनगढंत बातों पर विश्वास नहीं करेंगे।
 - साकेत गर्ग