Thursday, March 12, 2015

Views on BBC's Documentary INDIA'S DAUGHTER on 16 December Delhi Gang Rape

बीबीसी की निर्भया रेप केस पर बनायीं गयी विवादित डॉक्यूमेंट्री फिल्म पर एक भारतीय के विचार  



    आज फेसबुक पर मैंने फिल्म डायरेक्टर धर्मेश दर्शन की एक पोस्ट Glycerine Tears पढ़ी। उनकी पोस्ट बीबीसी की निर्भया केस पर बनी डॉक्यूमेंट्री India's Daughter पर थी। एक और बॉलीवुड का एक तथाकथित इंटेलेक्चुअल वर्ग इस डॉक्यूमेंट्री को सही ठहराने पर आमदा है, वंही इस फिल्मकार ने अपने दिल की आवाज़ को और अपने भारतीय होने के गर्व को ज़्यादा तव्वजो देना बेहतर समझा। इस पोस्ट में धर्मेश दर्शन ने हॉलीवुड और बॉलीवुड दोनों फिल्म इंडस्ट्रीज की कड़वी सच्चाई - "प्रॉफिट मेकिंग एट एनी कॉस्ट" और "क्रिएटिंग सेंसेशन एट एनी कॉस्ट" पर एक जोरदार प्रहार किया है। यहाँ एक फिल्मकार होने के नाते उनकी खुद के कार्यक्षेत्र के गिरते स्तर के प्रति संवेदना साफ़ समझी जा सकती है। आखिर, बाकी फिल्म-मेकर इतना साहस क्यों नहीं दिखा पाते ?
Citizens protesting after 16 December Rape Case in Delhi  
      सही ही लिखा है दर्शन ने की, "हो सकता है आने वाले कुछ दिनों में कोई हॉलीवुड फिल्ममेकर निर्भया रेप केस या बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री पर फिल्म बनाता नज़र आये।" और उस फिल्म में भी भारत को एक विलियन के रूप में, एक दीन-हीन देश के रूप में ही दिखाया जाये। मैं दर्शन की बात से पूर्णतया सहमत हूँ। उन्होंने बाकी बॉलीवुड वालों की तरह अंधी दौड़ में शामिल न होकर, अपने आप को झूठा इंटेलेक्चुअल न दिखाकर, अपने दिल का साथ दिया। पूर्व में भी हॉलीवुड की कईं फिल्मो में भारत को ऐसा दिखाया भी जा चुका है। साथ ही, इसमें भी कोई आश्चार्य नहीं होगा यदि वो फिल्म भी "स्लमडॉग मिलियनेयर" की ही तरह कई ऑस्कर अवॉर्ड जीत जाये। और हमारी सम्पूर्ण फिल्म इंडस्ट्री और तथाकथित इंटेलेक्चुअल लोग उसे एक मास्टर-पीस घोषित कर, हॉलीवुड की खुशामद में "जय हो, जय हो" करते नज़र आये।

    कल जब मैं एक सभा में इसी विषय पर तर्क-वितर्क कर रहा था तभी एक सज्जन ने मुझसे पूछा "मिस्टर साकेत गर्ग क्या आपने यह डॉक्यूमेंट्री देखी है और यदि नहीं देखी तो इसे बुरा मत कहिये।" हाँ, मैंने बीबीसी की यह विवादित डॉक्यूमेंट्री नहीं देखी है। फिर मैं इससे असहमत कैसे हो सकता हूँ? ठहरिये, इसका जवाब भी मेरे पास है- 

      पहला तो यह की, इस डॉक्यूमेंट्री को बनाने की आज्ञा लेते वक़्त जिन शर्तो पर रज़ामंदी दी गयी थी, उन शर्तों का खुल्ला उलंघन किया गया है और यह मैं नहीं बल्कि मीडिया में आ रही रिपोर्ट्स और सरकारी सूत्रों ने कहा है। अब भला जिस चीज़ की बुनियाद ही धोखे और झूट पर रखी गयी हो, क्या वो आपको और मुझे सच दिखा सकती है। 

      दूसरा जवाब, हमारे देश की न्यायपालिका व संविधान ने जिस चीज़ पर प्रतिबंध लगाया है, क्या वो चीज़ आपके और हमारे देश के हित में हो सकती है ? यदि आपका जवाब हाँ है, तो क्या आपको अपने ही देश की न्यायपालिका और संविधान पर भरोसा नहीं है।  

     तीसरा जवाब, उस भयानक रात को उन दरिंदो के साथ बहादुरी से लड़ने वाले निर्भया के दोस्त पांडे ने भी (मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार) इस डॉक्यूमेंट्री को 'बायस्ड' कहा है। उन्होंने इस डॉक्यूमेंट्री के ज्यादातर कंटेंट को 'फेक' बताया है और कहा है की यह 'कॉन्ट्रोवर्सी' और 'सनसनी' फ़ैलाने के लिए बनायीं गयी है।   अब जो व्यक्ति अपनी दोस्त को दरिंदो और हत्यारों से बचाने के लिए लड़ता रहा, वो सच्चा हुआ या वो विदेशी डॉक्यूमेंट्री फिल्म-मेकर, बताइये। यह भी न भूलें की सिर्फ वे और पीड़ित (निर्भया) ही इस मामले की सच्चाई जानते हैं।

    कहीं यह डॉक्यूमेंट्री भारत की साख और भारतीय समाज के खिलाफ एक साज़िश तो नहीं है? क्योंकि इसकी रिलीज़ के बाद ही, लगातार दो घटनायें मैंने ऐसी पढ़ी है, जो सीधे तौर पर भारत के लिए, आपके और मेरे लिए खतरनाक है। पहली घटना में एक विदेशी कॉलेज में एक भारतीय छात्र को एडमिशन नहीं दिया गया और कारण बताया गया "इंडिया की रेप प्रॉब्लम"। दूसरी घटना में कुवैत के एक अखबार ने अपने मुख्य पृष्ठ पर एक खबर हेडलाइंस में छापी है, जिसमे कहा गया है की "भारत के ज़्यादातर लोगों की सोच ही ऐसी है"। क्या आप इन दोनों घटनाओं से, इनके विचारों से सहमत हैं ? 

    क्या इस डॉक्यूमेंट्री में दिखाई गयी उस आरोपी की सोच हर भारतीय की सोच है ? क्या ऐसी सोच वाले लोग विदेशों और खासकर की  इंगलैंड में नहीं है ?

    साथ ही, ज़रा विदेशों और इस डॉक्यूमेंट्री के जनक यूरोप में हो रहे बलात्कार के आंकड़े भी देख लेवें। एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश नागरिकों ने जो रेप के केस रिपोर्ट किये हैं, उनमे भारत के मुकाबले कई दूसरे विदेशी और खासकर उनके ही यूरोपीय देश कई आगे हैं। क्या बीबीसी को वहां ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत नहीं है?

    खैर अंत में, परम पिता परमेश्वर से यही प्रार्थना करना चाहूँगा  की वे भारत की इस बहादुर बेटी की आत्मा को शांति दें और हमें इतनी समझ दें की हम उस आत्मा की भावनाओ के साथ अब तो कम से कम खेलना बंद कर दें । जय हिन्द ! 

- साकेत गर्ग

Facebook - https://www.facebook.com/sketgarg
Twitter - https://twitter.com/saketgargSG
Google + : https://google.com/+SaketGargSG

Thursday, February 26, 2015

Article on Shri Dadu Dayal Ji Maharaj Jayanti

संतप्रवर श्री दादू दयाल जी महाराज की जयंती पर विशेष
"धन्य धन्य गुरु दादूरामा, भक्तन हितकारक अभिरामा"

भारतवर्ष के गुजरात राज्य में अहमदाबाद के निवासी श्री लोधीरम नागर एक धनी यशस्वी व्यापारी थे अधेड़ आयु के उपरांत भी उनके पुत्र नहीं था जिसकी उन्हें सदा लालसा रहती थी एक दिन उन्हें एक सिद्ध संत के दर्शन हुए और उन्होंने अपनी हार्दिक व्यथा उन संत को कह सुनाई संत ने शरणागत जानकर लोधीरम को पुत्र रत्न की प्राप्ति का वरदान दिया और कहा ''साबरमती नदी में तैरते कमल पत्र पर शयन करते बालक को अपने घर ले आना, वही तुम्हारा पुत्र होगा।'' पुत्र प्राप्ति की कामना लेकर श्री लोधीरम ब्राहमण साबरमती नदी के तट पर गए जहाँ उन्हें पानी पर तैरते कमल पर लेटा हुआ बालक प्राप्त हुआ इस प्रकार शुभमिति फाल्गुन शुक्ल अष्टमी गुरुवार के दिन विक्रम संवत 1601 में संत शिरोमणि सदगुरु श्री दादू दयाल जी महाराज का 'अवतार' हुआ।
Saint Shri Dadu Dayal Ji Maharaj
अपनी प्रिय से प्रिय वस्तु परोपकार के लिए तुरंत दे देने के स्वाभाव के कारण उनका नाम 'दादू' रखा गया आप दया दीनता करुणा के खजाने थे, क्षमा शील और संतोष के कारण आप 'दयाल' अतार्थ "दादू दयाल" कहलाये विक्रम सं. 1620 में सब प्रकार से घर को छोड़कर आप केवल प्रभु चिंतन में ही लीन हो गए अहमदाबाद से प्रस्थान कर भ्रमण करते हुए राजस्थान की आबू पर्वतमाला, तीर्थराज पुष्कर से होते हुए करडाला धाम (जिला जयपुर) पधारे और पूरे 6 वर्षों तक लगातार प्रभु की साधना की। दादू जी महाराज की कठोर साधना से इन्द्र को आशंका हुई की कहीं इन्द्रासन छीनने के लिए तो वे तपस्या नहीं कर रहे , इसीलिए इंद्र ने उनकी साधना में विघ्न डालने के लिए अप्सरा रूप में माया को भेजा जिसने साधना में बाधा डालने के लिए अनेक उपाय किये मगर उन महान संत ने 'माया में' 'अपने में' एकात्म दृष्टि से बहन और भाई का सनातन प्रतिपादित कर, उसके प्रेमचक्र को एक पवित्र सूत्र से बाँध कर शांत कर दिया
संत दादू जी विक्रम सं. 1625 में सांभर पधारे यहाँ उन्होंने मानव - मानव के भेद को दूर करने वाले, सच्चे मार्ग का उपदेश दिया। तत्पश्चात दादू जी महाराज आमेर पधारे तो वहां की सारी प्रजा और राजा उनके भक्त हो गए उसके बाद वे फतेहपुर सीकरी  भी गए जहाँ पर बादशाह अकबर ने पूर्ण भक्ति भावना से दादू जी के दर्शन कर उनके सत्संग उपदेश ग्रहण करने की इच्छा प्रकट की तथा लगातार 40 दिनों तक दादूजी से सत्संग करते हुए उपदेश ग्रहण किया। "दादूजी के सत्संग प्रभावित होकर अकबर ने अपने समस्त साम्राज्य में गौ-हत्या बंदी का फरमान लागू कर दिया "
उसके बाद दादूजी महाराज नरेना (जिला जयपुर) पधारे और उन्होंने इस नगर को साधना, विश्राम तथा धाम के लिए चुना और यहाँ  एक खेजडे के वृक्ष के नीचे विराजमान होकर लम्बे समय तक तपस्या की और आज भी "खेजडा जी" के वृक्ष के दर्शन मात्र से 'तीनो प्रकार के ताप' नष्ट होते हैं यहीं पर उन्होंने ब्रह्मधाम "दादूद्वारा" की स्थापना की जिसके दर्शन मात्र से आज भी सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है
तत्पश्चात श्री दादूजी ने सभी संत शिष्यों को अपने 'ब्रह्मलीन' होने का समय बताया। ब्रह्मलीन होने के लिए निर्धारित दिन (जयेष्ट कृष्ण अष्टमी सम्वत 1660 ) के  शुभ समय में श्री दादूजी ने  एकांत में ध्यानमग्न  होते हुए "सत्यराम" शब्द का उच्चारण कर इस  संसार से ब्रहम्लोक को प्रस्थान किया।
उनके उपदेशों को उनके शिष्य रज्जब जी ने "दादू अनुभव वाणी" के रूप में समाहित किया, जिसमे लगभग 5000 दोहे शामिल हैं।
श्री दादू दयाल जी महाराज के द्वारा स्थापित "दादू पंथ" "दादू पीठ" आज भी मानव मात्र की सेवा में निर्विघ्न लीन है। वर्तमान में दादूधाम के पीठाधीश्वर के रूप में आचार्य महंत श्री गोपालदास जी महाराज विराजमान हैं। वर्तमान में भी प्रतिवर्ष फाल्गुन शुक्ल अष्टमी पर नरेना धाम में भव्य मेले का आयोजन होता है तथा इस अवसर पर एक माह के लिए भारत सरकार के आदेश अनुसार वहां से गुजरने वाली प्रत्येक रेलगाड़ी का नरेना स्टेशन पर ठहराव रहता है।
संतप्रवर श्री  दादू दयालजी  महाराज को 'निर्गुण' संतो जैसे की कबीर गुरु नानक के समकक्ष माना जाता  है तथा उनके उपदेश दोहे आज भी समाज को सही राह दिखाते रहे हैं।
"सागर-सम दादू चरित्र, वार पार नहीं अंत
पद्य-गद्य गागर भरी, धारहिं भक्त सुसंत ।।"

 - साकेत गर्ग

Facebook - https://www.facebook.com/sketgarg
Twitter - https://twitter.com/saketgargSG
Google + : https://google.com/+SaketGargSG